क्यों मनाया जाता है बुध पूर्णिमा का पर्व : लगभग 35 वर्ष की उम्र में सिद्धार्थ को बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई और सिद्धार्थ, गौतम बुद्ध बन गए। कहते हैं कि बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति वैशाख मास की पूर्णिमा को हुई थी। इसलिए बौद्ध अनुयायी हर साल वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं।
इस साल कब मनाया जायेगा बुध पूर्णिमा का पर्व : बुद्ध पूर्णिमा इस साल 23 मई 2024 को मनाई जाएगी। यह एक विशेष त्योहार है जो बुद्धिमत्ता, शांति और सम्मान का संदेश देता है। यह पर्व बुद्ध के जीवन और विचारों को याद करने का अवसर है, जिनका असर आज भी हमारे समाज और संस्कृति पर है। बुद्ध पूर्णिमा के पर्व पर जेसल अगरबत्ती अहमदाबाद आपको हार्दिक शुभकामनायें देते हैं |
इस बुद्ध पूर्णिमा, आइए हम बुद्ध के महान उपदेशों को याद करें और उनकी महिमा को मानें । यह संतुलन और आत्म-चिंतन का महत्वपूर्ण दिन है जब हम सभी को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा मिलती है।
बुद्ध पूर्णिमा के इस अवसर पर, हम सभी को यह सुनिश्चित करने का अवसर मिलता है कि हम अपने आस-पास के वातावरण में शांति और सुख का अनुभव करें। इसका एक महत्वपूर्ण तरीका योग या मैडिटेशन हो सकता है ,जिसे आप अपने घर में या किसी भी शांत स्थान पर बैठकर कर सकते हैं. आप कोई भी सुगन्धित अगरबत्ती जलाकर अपने आस पास के वातावरण को आध्यात्मिक बना सकते हैं|
जेसल मोगरा, केसर कस्तूरी, चन्दन, गूगल, लोबान इत्यादि, आप उपयोग में ला सकते हैं जो आपके घर को सुगंधित और शांतिपूर्ण बनाने में सहयोग करेगी |
आशा है कि आप बुद्ध पूर्णिमा को उत्साह और आनंद के साथ मनाएंगे,